(१)
जितने नराधम हैं, आज सभी नेता बनें, इन्हें चुन चुन गोली मार देना चाहिए |
फूंक देना चाहिए तंदूर की तरह इन्हें, कपड़े की भाँति इन्हें गार देना चाहिए |
भारत की संस्कृति को नोचने के लिए बने, इनकी रगों में शीशा पार देना चाहिए |
राष्ट्रद्रोहियों की सजा, मौत से अलग नहीं, मृत्युदेवि कहें दो तो चार देना चाहिए |
(२)
जितनी लाचारी इस देश में कहीं नहीं है, जनसँख्या बोझ नहीं तुमने बनाया है |
कुछ गया पेट में तो कुछ पीठ पे भी लदा, बाँटते ही आये हमें बंटना सिखाया है |
पहले तो चरखा था जिसने था उलझाया, अब तेरा थप्पड़ हमारे हिस्स्से आया है |
झगडे की जड़ एक नेहरु की नीति बनी, अपना तो खाया हमें नंगा ही नचाया है |
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